Ghazals of Yazdani Jalandhari
नाम | यज़दानी जालंधरी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Yazdani Jalandhari |
जन्म की तारीख | 1915 |
मौत की तिथि | 1990 |
ज़िंदा रहने का वो अफ़्सून-ए-अजब याद नहीं
तन्हाई में अक्सर यही महसूस हुआ है
सूरज के साथ साथ उभारे गए हैं हम
सहन-ए-चमन में हर-सू पत्थर
निगाह-ए-नाज़ का हासिल है ए'तिबार मुझे
मिला है तपता सहरा देखने को
लबों तक आया ज़बाँ से मगर कहा न गया
जल्वा अफ़रोज़ है कअ'बे के उजालों की तरह
जहाँ कुछ लोग दीवाने बने हैं
जादा-ए-ज़ीस्त पे बरपा है तमाशा कैसा
इक ख़ुशी के लिए हैं कितने ग़म