Heart Broken Poetry of Aal-e-Ahmad Suroor (page 2)
नाम | आल-ए-अहमद सूरूर |
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अंग्रेज़ी नाम | Aal-e-Ahmad Suroor |
जन्म की तारीख | 1911 |
मौत की तिथि | 2002 |
कविताएं
Ghazal 31
Nazam 1
Couplets 20
Love 32
Sad 27
Heart Broken 37
Bewafa 7
Hope 18
Friendship 12
Islamic 5
Sufi 1
Social 1
ख्वाब 8
Sharab 16
हर इक जन्नत के रस्ते हो के दोज़ख़ से निकलते हैं
हमें तो मय-कदे का ये निज़ाम अच्छा नहीं लगता
हमारे हाथ में जब कोई जाम आया है
ग़ैरत-ए-इश्क़ का ये एक सहारा न गया
फ़ुग़ान-ए-दर्द में भी दर्द की ख़लिश ही नहीं
दिल-दादगान-ए-लज़्ज़त-ए-ईजाद क्या करें
दास्तान-ए-शौक़ कितनी बार दोहराई गई