Sad Poetry of Aal-e-Ahmad Suroor

Sad Poetry of Aal-e-Ahmad Suroor
नामआल-ए-अहमद सूरूर
अंग्रेज़ी नामAal-e-Ahmad Suroor
जन्म की तारीख1911
मौत की तिथि2002

तमाम उम्र कटी उस की जुस्तुजू करते

हस्ती के भयानक नज़्ज़ारे साथ अपने चले हैं दुनिया से

बस्तियाँ कुछ हुईं वीरान तो मातम कैसा

टीपू की आवाज़

ज़ंजीर से जुनूँ की ख़लिश कम न हो सकी

यूँ जो उफ़्ताद पड़े हम पे वो सह जाते हैं

ये दौर मुझ से ख़िरद का वक़ार माँगे है

वो जिएँ क्या जिन्हें जीने का हुनर भी न मिला

तू पयम्बर सही ये मो'जिज़ा काफ़ी तो नहीं

सियाह रात की सब आज़माइशें मंज़ूर

शगुफ़्तगी-ए-दिल-ए-वीराँ में आज आ ही गई

सफ़र तवील सही हासिल-ए-सफ़र क्या था

नवा-ए-शौक़ में शोरिश भी है क़रार भी है

लोग तन्हाई का किस दर्जा गिला करते हैं

कुछ लोग तग़य्युर से अभी काँप रहे हैं

ख़्वाबों से यूँ तो रोज़ बहलते रहे हैं हम

ख़ुश्क खेती है मगर उस को हरी कहते हैं

ख़याल जिन का हमें रोज़-ओ-शब सताता है

जिस ने किए हैं फूल निछावर कभी कभी

हम न इस टोली में थे यारो न उस टोली में थे

हर इक जन्नत के रस्ते हो के दोज़ख़ से निकलते हैं

हमें तो मय-कदे का ये निज़ाम अच्छा नहीं लगता

हमारे हाथ में जब कोई जाम आया है

फ़ुग़ान-ए-दर्द में भी दर्द की ख़लिश ही नहीं

दिल-दादगान-ए-लज़्ज़त-ए-ईजाद क्या करें

दास्तान-ए-शौक़ कितनी बार दोहराई गई

आज से पहले तिरे मस्तों की ये ख़्वारी न थी

आल-ए-अहमद सूरूर Sad Poetry in Hindi - Read famous Sad Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by आल-ए-अहमद सूरूर. Largest collection of Sad Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by आल-ए-अहमद सूरूर. Share the आल-ए-अहमद सूरूर Sad Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.