Ghazals of Aazim Kohli

Ghazals of Aazim Kohli
नामआज़िम कोहली
अंग्रेज़ी नामAazim Kohli
जन्म स्थानDelhi

ज़र्फ़ है किस में कि वो सारा जहाँ ले कर चले

थी याद किस दयार की जो आ के यूँ रुला गई

सुबू उठा मिरे साक़ी कि रात जाती है

सिलसिले सब रुक गए दिल हाथ से जाता रहा

नीला अम्बर चाँद सितारे बच्चों की जागीरें हैं

मिरी यादें भला तुम किस तरह दिल से मिटाओगे

किधर का था किधर का हो गया हूँ

ख़याल-ए-यार का जल्वा यहाँ भी था वहाँ भी था

ख़ाक से थे ख़ाक से ही हो गए

जो हुआ जैसा हुआ अच्छा हुआ

जो होगा सब ठीक ही होगा होने दो जो होना है

जब कभी तुम मेरी जानिब आओगे

हो सितम कैसा भी अब हालात की शमशीर का

इक इश्क़ है कि जिस की गली जा रहा हूँ मैं

एहसास के सूखे पत्ते भी अरमानों की चिंगारी भी

दूर है मंज़िल तो क्या रस्ता तो है

दोस्तों की बज़्म में साग़र उठाए जाएँगे

बहुत अज़ीज़ था आलम वो दिल-फ़िगारी का

आ कि चाहत वस्ल की फिर से बड़ी पुर-ज़ोर है

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