Hope Poetry of Aazim Kohli

Hope Poetry of Aazim Kohli
नामआज़िम कोहली
अंग्रेज़ी नामAazim Kohli
जन्म स्थानDelhi

सब्र की तकरार थी जोश ओ जुनून-ए-इश्क़ से

कौन बाँधेगा मिरी बिखरी हुई उम्मीद को

जो हुआ जैसा हुआ अच्छा हुआ

हम ने मिल-जुल के गुज़ारे थे जो दिन अच्छे थे

हम लकीरें कुरेद कर देखें

दुख पे मेरे रो रहा था जो बहुत

वफ़ा और इश्क़ के रिश्ते बड़े ख़ुश-रंग होते हैं

ज़र्फ़ है किस में कि वो सारा जहाँ ले कर चले

थी याद किस दयार की जो आ के यूँ रुला गई

सुबू उठा मिरे साक़ी कि रात जाती है

सिलसिले सब रुक गए दिल हाथ से जाता रहा

ख़ाक से थे ख़ाक से ही हो गए

जो हुआ जैसा हुआ अच्छा हुआ

जो होगा सब ठीक ही होगा होने दो जो होना है

हो सितम कैसा भी अब हालात की शमशीर का

एहसास के सूखे पत्ते भी अरमानों की चिंगारी भी

दूर है मंज़िल तो क्या रस्ता तो है

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