मैं जी भर के रोया तो आराम आया
मिरा ग़म ही आख़िर मिरे काम आया
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कौन बाँधेगा मिरी बिखरी हुई उम्मीद को
किधर का था किधर का हो गया हूँ
मिरी यादें भला तुम किस तरह दिल से मिटाओगे
जो होगा सब ठीक ही होगा होने दो जो होना है
ज़र्फ़ है किस में कि वो सारा जहाँ ले कर चले
'आज़िम' तेरी बर्बादी में सब ने मिल-जुल कर काम किया
जब कभी तुम मेरी जानिब आओगे
ये क्या हुआ कि अब तुझी से बद-गुमाँ मैं हो गया
सिलसिले सब रुक गए दिल हाथ से जाता रहा
हो सितम कैसा भी अब हालात की शमशीर का
नीला अम्बर चाँद सितारे बच्चों की जागीरें हैं
ख़याल-ए-यार का जल्वा यहाँ भी था वहाँ भी था