रियाज़ लतीफ़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रियाज़ लतीफ़
नाम | रियाज़ लतीफ़ |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Riyaz Latif |
जन्म की तारीख | 1964 |
जन्म स्थान | USA |
ज़मीन फैल गई है हमारी रूह तलक
यहीं पर ख़त्म होनी चाहिए थी एक दुनिया
किसी ने हम को अता नहीं की हमारी गर्दिश है अपनी गर्दिश
ख़ुदा की ख़मोशी में शायद हो उस का वजूद
कभी तो मंज़रों के इस तिलिस्म से उभर सकूँ
बस लहू की बूँद थी एहसास में
बाद में रखे सराबों के दयारों में क़दम
वीनस
वीरान ख़्वाहिश
उस पार
सवेरा
साबुन
ना-मुकम्मल तआरुफ़
मुस्तक़बिल की आँख
माज़रत
ख़ला-नवर्दी
हिजरत
गाए
एक रोते हुए आदमी को देख कर
एक न्यूक्लेयर नज़्म
दवाम के दयार में
चमगादड़
बनारस
आमद
तमाम ख़लियों में अक्सर सुनाई देता है
ताख़ीर आ पड़ी जो बदन के ज़ुहूर में
सब ख़लाओं को ख़लाओं से भिगो सकता है
रेत है इज़हार के पानी के पार
नया अदम कोई नई हदों का इंतिख़ाब अब
मिरे सिमटे लहू का इस्तिआरा ले गया कोई