Love Poetry of Abdul Rahman Khan Wasifi Bahraichi

Love Poetry of Abdul Rahman Khan Wasifi Bahraichi
नामअब्दुल रहमान ख़ान वासिफ़ी बहराईची
अंग्रेज़ी नामAbdul Rahman Khan Wasifi Bahraichi

यूँ अश्क बरसते हैं मिरे दीदा-ए-तर से

मोहब्बत का जिसे इरफ़ाँ नहीं है

मैं जानता हूँ कौन हूँ मैं और क्या हूँ मैं

क्या क्या सुपुर्द-ए-ख़ाक हुए नामवर तमाम

कोई नज़्र-ए-ग़म-ए-हालात न होने पाए

काश समझते अहल-ए-ज़माना

करते नहीं जफ़ा भी वो तर्क-ए-वफ़ा के साथ

जीत कर बाज़ी-ए-उल्फ़त को भी हारा जाए

ग़म से घबरा के कभी नाला-ओ-फ़रियाद न कर

दिल उन की मोहब्बत का जो दीवाना लगे है

अदब में मुद्दई-ए-फ़न तो बे-शुमार मिले

अब्दुल रहमान ख़ान वासिफ़ी बहराईची Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अब्दुल रहमान ख़ान वासिफ़ी बहराईची. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अब्दुल रहमान ख़ान वासिफ़ी बहराईची. Share the अब्दुल रहमान ख़ान वासिफ़ी बहराईची Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.