Heart Broken Poetry of Abroo Shah Mubarak (page 2)
नाम | आबरू शाह मुबारक |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Abroo Shah Mubarak |
जन्म की तारीख | 1685 |
मौत की तिथि | 1733 |
जन्म स्थान | Delhi |
कविताएं
Ghazal 74
Couplets 71
Love 62
Sad 39
Heart Broken 40
Bewafa 6
Hope 19
Friendship 49
Islamic 19
Sufi 4
Social 1
देशभक्तिपूर्ण 1
बारिश 2
ख्वाब 4
Sharab 6
कहो तुम किस सबब रूठे हो प्यारे बे-गुनह हम सीं
कहें क्या तुम सूँ बे-दर्द लोगो किसी से जी का मरम न पाया
गुनाहगारों की उज़्र-ख़्वाही हमारे साहिब क़ुबूल कीजे
दुश्मन-ए-जाँ है तिश्ना-ए-ख़ूँ है
दिल नीं पकड़ी है यार की सूरत
देखो तो जान तुम कूँ मनाते हैं कब सेती
देख तू बे-रहम आशिक़ नीं तुझे छोड़ा नहीं
अगर दिल इश्क़ सीं ग़ाफ़िल रहा है
आशिक़ बिपत के मारे रोते हुए जिधर जाँ
आज यारों को मुबारक हो कि सुब्ह-ए-ईद है