नज़्म

ख़ूँ पत्थर पे सरक आया

गहरा नीला रंग हवा में डूब गया

जल-कन्या के जिस्म पे काले साँप का साया लहराया

दरिया दरिया ज़हर चढ़ा

गीली रेत पे धूप ने अपना नाम लिखा

मुट्ठी में मछली का आँसू सूख गया

घोड़ों की टापों से कमरा गूँज उठा

ख़रगोशों की आँखों से सूरज निकले

फिर दरिया की नाफ़ में कश्ती डूब गई

काग़ज़ के सहरा में पानी मत ढूँडो

अहराम के दरवाज़े कब खुलते हैं

हैंगर पे कपड़े की लाश लटकती है

पर्बत पर्बत नंगी रूह भटकती है

मुझ से ये पूछो लोगो मैं क्या हूँ

ज़ंग-आलूदा शहर पे थूकने आया हूँ

(673) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Nazm In Hindi By Famous Poet Adil Mansuri. Nazm is written by Adil Mansuri. Complete Poem Nazm in Hindi by Adil Mansuri. Download free Nazm Poem for Youth in PDF. Nazm is a Poem on Inspiration for young students. Share Nazm with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.