बुशरा एजाज़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बुशरा एजाज़

बुशरा एजाज़ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बुशरा एजाज़
नामबुशरा एजाज़
अंग्रेज़ी नामBushra Ejaz

शब भी है वही हम भी वही तुम भी वही हो

मिरी अपनी और उस की आरज़ू में फ़र्क़ ये था

मिरे नुक्ता-दाँ तिरा फ़हम अपनी मिसाल है

जब राख से उट्ठेगा कभी इश्क़ का शोला

अपने सारे रास्ते अंदर की जानिब मोड़ कर

ये शहर-ए-ना-रसाई है

उन्हें ढूँडो

तुम्हारी चुप मिरा आईना है

पंछी ते परदेसी.....

मेरे ख़ामोश ख़ुदा

मैं जब ख़ुद से बिछड़ती हूँ

मोहब्बत में कोई सदमा उठाना चाहिए था

मिरी रात मेरा चराग़ मेरी किताब दे

मंज़रों के दरमियाँ मंज़र बनाना चाहिए

दिल में है तलब और दुआ और तरह की

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