ख़बर देती है याद करता है कोई
जो बाँधा है हिचकी ने तार आते आते
Mir Taqi Mir
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Wasi Shah
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Parveen Shakir
Anwar Masood
Gulzar
Habib Jalib
Javed Akhtar
Rahat Indori
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(626) Peoples Rate This
कुछ भी नहीं जो याद-ए-बुतान-ए-हसीं नहीं
न हो या रब ऐसी तबीअत किसी की
फ़लक उन से जो बढ़ कर बद-चलन होता तो क्या होता
तुम्हारे हिज्र में क्यूँ ज़िंदगी न मुश्किल हो
वही जो हया थी निगार आते आते
हमारा कोह-ए-ग़म क्या संग-ए-ख़ारा है जो कट जाता
मुझे गुम-शुदा दिल का ग़म है तो ये है