Friendship Poetry of Ahmad Nadeem Qasmi

Friendship Poetry of Ahmad Nadeem Qasmi
नामअहमद नदीम क़ासमी
अंग्रेज़ी नामAhmad Nadeem Qasmi
जन्म की तारीख1916
मौत की तिथि2006
जन्म स्थानLahore

रूह लबों तक आ कर सोचे

रेस्तोराँ

दश्त-ए-वफ़ा

यूँ तो पहने हुए पैराहन-ए-ख़ार आता हूँ

उम्र भर उस ने इसी तरह लुभाया है मुझे

शुऊर में कभी एहसास में बसाऊँ उसे

साँस लेना भी सज़ा लगता है

जब भी आँखों में तिरी रुख़्सत का मंज़र आ गया

हम कभी इश्क़ को वहशत नहीं बनने देते

इक मोहब्बत के एवज़ अर्ज़-ओ-समा दे दूँगा

बारिश की रुत थी रात थी पहलू-ए-यार था

अपने माहौल से थे क़ैस के रिश्ते क्या क्या

अंदाज़ हू-ब-हू तिरी आवाज़-ए-पा का था

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