Love Poetry of Ainuddin Azim

Love Poetry of Ainuddin Azim
नामऐनुद्दीन आज़िम
अंग्रेज़ी नामAinuddin Azim

ज़ेहन पर जब दर्द ख़ामोशी की चादर तानता है

यही इक जिस्म-ए-फ़ानी जावेदानी का अहाता करने वाला है

सुर्ख़-रू सब को सर-ए-मक़्तल नज़र आने लगे

सताइश न कीजिए तबर्रा सही

पाँव फँसे में हाथ छुड़ाने आया था

पढ़ो इबारत-ए-तख़्लीक़-ए-दर्द चेहरे पर

मुझी में जीता है सूरज तमाम होने तक

मेरे हमराह सितारे कभी जुगनू निकले

मैं ने जब हद से गुज़रने का इरादा कर लिया

ला-मकाँ से भी परे ख़ुद से मुलाक़ात करें

कारोबारी शहरों में ज़ेहन-ओ-दिल मशीनें हैं जिस्म कारख़ाना है

दर्द तेरा मिरे सीने से निकाला न गया

अब जुनूँ के रत-जगे ख़िरद में आ गए

ऐनुद्दीन आज़िम Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by ऐनुद्दीन आज़िम. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by ऐनुद्दीन आज़िम. Share the ऐनुद्दीन आज़िम Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.