Hope Poetry of Ajmal Siddiqi

Hope Poetry of Ajmal Siddiqi
नामअजमल सिद्दीक़ी
अंग्रेज़ी नामAjmal Siddiqi
जन्म की तारीख1981
जन्म स्थानDelhi

कभी ख़ौफ़ था तिरे हिज्र का कभी आरज़ू के ज़वाल का

हर एक सुब्ह वज़ू करती हैं मिरी आँखें

ज़िंदगी रोज़ बनाती है बहाने क्या क्या

न नज़र से कोई गुज़र सका न ही दिल से मलबा हटा सका

खुल के बरसना और बरस कर फिर खुल जाना देखा है

ख़त जो तेरे नाम लिखा, तकिए के नीचे रखता हूँ

इतना करम इतनी अता फिर हो न हो

दुखे दिलों पे जो पड़ जाए वो तबीब नज़र

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