Sad Poetry of Asar Sahbai

Sad Poetry of Asar Sahbai
नामअसर सहबाई
अंग्रेज़ी नामAsar Sahbai
जन्म की तारीख1901
मौत की तिथि1963

तुम्हारी याद में दुनिया को हूँ भुलाए हुए

सज्दे के दाग़ से न हुई आश्ना जबीं

ख़ुदा की देन है जिस को नसीब हो जाए

आह क्या क्या आरज़ूएँ नज़्र-ए-हिरमाँ हो गईं

रुमूज़-ए-मोहब्बत

ज़ुल्मत-ए-दश्त-ए-अदम में भी अगर जाऊँगा

तुम्हारी याद में दुनिया को हूँ भुलाए हुए

तुम्हारी फ़ुर्क़त में मेरी आँखों से ख़ूँ के आँसू टपक रहे हैं

मिरी हर साँस को सब नग़्मा-ए-महफ़िल समझते हैं

लुत्फ़ गुनाह में मिला और न मज़ा सवाब में

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