Khawab Poetry of Asghar Gondvi

Khawab Poetry of Asghar Gondvi
नामअसग़र गोंडवी
अंग्रेज़ी नामAsghar Gondvi
जन्म की तारीख1884
मौत की तिथि1936
जन्म स्थानGonda

सुनता हूँ बड़े ग़ौर से अफ़्साना-ए-हस्ती

हल कर लिया मजाज़ हक़ीक़त के राज़ को

तू एक नाम है मगर सदा-ए-ख़्वाब की तरह

शिकवा न चाहिए कि तक़ाज़ा न चाहिए

रक़्स-ए-मस्ती देखते जोश-ए-तमन्ना देखते

पास-ए-अदब में जोश-ए-तमन्ना लिए हुए

मजाज़ कैसा कहाँ हक़ीक़त अभी तुझे कुछ ख़बर नहीं है

जान-ए-नशात हुस्न की दुनिया कहें जिसे

इक आलम-ए-हैरत है फ़ना है न बक़ा है

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