असलम महमूद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का असलम महमूद (page 2)
नाम | असलम महमूद |
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अंग्रेज़ी नाम | Aslam Mahmood |
कविताएं
Ghazal 20
Couplets 19
Love 17
Sad 21
Heart Broken 24
Hope 14
Friendship 2
Islamic 1
बारिश 1
ख्वाब 11
Sharab 1
क्यूँ मुझ से गुरेज़ाँ है मैं तेरा मुक़द्दर हूँ
किया गर्दिशों के हवाले उसे चाक पर रख दिया
जल रहा हूँ तो अजब रंग ओ समाँ है मेरा
हर रंग-ए-तरब मौसम ओ मंज़र से निकाला
देख के अर्ज़ां लहू सुर्ख़ी-ए-मंज़र ख़मोश
दश्त मरऊब है कितना मिरी वीरानी से
बुझ गए मंज़र उफ़ुक़ पर हर निशाँ मद्धम हुआ
अक्स जल जाएँगे आईने बिखर जाएँगे
ऐ मिरे ग़ुबार-ए-सर तू ही तो नहीं तन्हा राएगाँ तो मैं भी हूँ