हमें याद रखना हमें याद करना
अगर कोई ताज़ा सितम याद आए
Javed Akhtar
Anwar Masood
Mir Taqi Mir
Gulzar
Allama Iqbal
Wasi Shah
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
Ahmad Faraz
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(932) Peoples Rate This
दीवाने हुए सहरा में फिरे ये हाल तुम्हारे ग़म ने किया
शिकवा करते हैं ज़बाँ से न गिला करते हैं
इसी ख़याल से तर्क उन की चाह कर न सके
ख़ुद-बख़ुद आँख बदल कर ये सवाल अच्छा है
करना जो मोहब्बत का इक़रार समझ लेना
कोई जहाँ में न यारब हो मुब्तला-ए-फ़िराक़
न आ जाए किसी पर दिल किसी का
क़ासिद ख़िलाफ़-ए-ख़त कहीं तेरा बयाँ न हो
किसी को देख कर बे-ख़ुद दिल-ए-काम हो जाना
बिगड़ जाते थे सुन कर याद है कुछ वो ज़माना भी
बुत-कदा नज़दीक काबा दूर था