सईद नक़वी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सईद नक़वी

सईद नक़वी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सईद नक़वी
नामसईद नक़वी
अंग्रेज़ी नामSaeed Naqvi

ये ख़ुद-नविश्त तो मुझ को अधूरी लगती है

तू मेरी तिश्ना-लबी पर सवाल करता है

मैं दूर दूर से ख़ुद को उठा के लाता रहा

मैं अपने सारे सवालों के जानता हूँ जवाब

कुछ लोग थे सफ़र में मगर हम-ज़बाँ न थे

जब आईने दर-ओ-दीवार पर निकल आएँ

इब्तिदा मुझ में इंतिहा मुझ में

चीज़ें अपनी जगह पे रहती हैं

पिकासो का मशवरा

मैं ज़िंदा हूँ

काला मोतिया

घुटन

दोहरी शहरियत

अपनी तलाश में निकले

वरक़ वरक़ से नया इक जवाब माँगूँ मैं

साअत-ए-हिज्र जब सताती है

रस्ते लपेट कर सभी मंज़िल पे लाए हैं

पहले तो जस्ता जस्ता भूल गया

मैं दोस्त से न किसी दुश्मनी से डरता हूँ

किया है ख़ुद ही गिराँ ज़ीस्त का सफ़र मैं ने

इब्तिदा मुझ में इंतिहा मुझ में

फ़सील-ए-ज़ात में दर तो तिरी इनायत है

चाहे हमारा ज़िक्र किसी भी ज़बाँ में हो

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