तमसील ओ इस्तिआरा ओ तश्बीह सब दुरुस्त
उस की मिसाल क्या जो अदीम-उल-मिसाल हो
Faiz Ahmad Faiz
Gulzar
Mohsin Naqvi
Wasi Shah
Rahat Indori
Allama Iqbal
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Anwar Masood
Habib Jalib
Parveen Shakir
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1451) Peoples Rate This
उस को आज़ादी न मिलने का हमें मक़्दूर है
कोई जहाँ में न यारब हो मुब्तला-ए-फ़िराक़
जब न था ज़ब्त तो क्यूँ आए अयादत के लिए
पी हम ने बहुत शराब तौबा
न आ जाए किसी पर दिल किसी का
अदा परियों की सूरत हूर की आँखें ग़ज़ालों की
दिल को इसी सबब से है इज़्तिराब शायद
कहा ये किस ने कि वादे का ए'तिबार न था
हसीनों से फ़क़त साहिब-सलामत दूर की अच्छी
वो हसीं बाम पर नहीं आता
साथ रहते इतनी मुद्दत हो गई