Hope Poetry (page 107)
ये रात
बाक़र मेहदी
सज़ा
बाक़र मेहदी
निरवान
बाक़र मेहदी
नई जुस्तुजू का अलमिया
बाक़र मेहदी
मेरा जनम दिन
बाक़र मेहदी
लहरों का आतिश-फ़िशाँ
बाक़र मेहदी
ख़ामुशी
बाक़र मेहदी
जहन्नम
बाक़र मेहदी
गोडो
बाक़र मेहदी
दीमक
बाक़र मेहदी
धरती का बोझ
बाक़र मेहदी
बहुत है एक नज़र
बाक़र मेहदी
अलविदा'अ
बाक़र मेहदी
वो रिंद क्या कि जो पीते हैं बे-ख़ुदी के लिए
बाक़र मेहदी
महफ़िलों में जा के घबराया किए
बाक़र मेहदी
लरज़ लरज़ के न टूटें तो वो सितारे क्या
बाक़र मेहदी
क्या क्या नहीं किया मगर उन पर असर नहीं
बाक़र मेहदी
क्या ख़बर थी कि कभी बे-सर-ओ-सामाँ होंगे
बाक़र मेहदी
किसी पे कोई भरोसा करे तो कैसे करे
बाक़र मेहदी
कौन भला ये कहता है ख़ुद आ के हम को मनाएँ आप
बाक़र मेहदी
इस दर्जा हुआ ख़ुश कि डरा दिल से बहुत मैं
बाक़र मेहदी
गूँजता शहरों में तन्हाई का सन्नाटा तो है
बाक़र मेहदी
दर्द-ए-दिल आज भी है जोश-ए-वफ़ा आज भी है
बाक़र मेहदी
चराग़-ए-हसरत-ओ-अरमाँ बुझा के बैठे हैं
बाक़र मेहदी
चाहा बहुत कि इश्क़ की फिर इब्तिदा न हो
बाक़र मेहदी
बदल के रख देंगे ये तसव्वुर कि आदमी का वक़ार क्या है
बाक़र मेहदी
और कोई जो सुने ख़ून के आँसू रोए
बाक़र मेहदी
क्या ख़ूब मेरे बख़्त की मंडवे चढ़ी है बेल
बाक़र आगाह वेलोरी
रहता है ज़ुल्फ़-ए-यार मिरे मन से मन लगा
बाक़र आगाह वेलोरी
क्यूँ कर न ऐसे जीने से या रब मलूल हूँ
बाक़र आगाह वेलोरी