Hope Poetry (page 2)
शाइ'र की इल्तिजा
फ़ज़लुर्रहमान
14-अगस्त
हबीब जालिब
वही मैं हूँ वही मेरी कहानी है
मोईन निज़ामी
इक उम्र से जिस को लिए फिरता हूँ नज़र में
अहमद फ़ाख़िर
सीने में दिल जो दर्द का मारा नहीं मिला
अहमद फ़ाख़िर
कब लज़्ज़तों ने ज़ेहन का पीछा नहीं किया
अनवर अंजुम
गुज़़रेंगे तेरे दौर से जो कुछ भी हाल हो
अंजुम फ़ौक़ी बदायूनी
हक़ीक़त है कि नन्हा सा दिया हूँ
वलीउल्लाह वली
बला-ए-तीरा-शबी का जवाब ले आए
अख़्तर सईद ख़ान
गुंग हैं सारी ज़मीनें आसमाँ हैरत-ज़दा
आज़ाद हुसैन आज़ाद
दिल में वीरानियाँ सिसकती हैं
अनवर ख़लील
ज़ख़्म के होंट पर लुआब उस का
अक़ील अब्बास
कोई चराग़ न जुगनू सफ़र में रक्खा गया
वफ़ा नक़वी
ये जहान-ए-आब-ओ-गिल लगता है इक माया मुझे
अहमद अली बर्क़ी आज़मी
तस्वीर तेरी यूँ ही रहे काश जेब में
आमिर अमीर
राहत-ए-नज़र भी है वो अज़ाब-ए-जाँ भी है
महमूद शाम
यहाँ-वहाँ से इधर-उधर से न जाने कैसे कहाँ से निकले
आफ़्ताब शकील
दिल से अरमाँ निकल रहे हैं
अख़्तर सईद
हम को ख़ुलूस-ए-दिल का किसी ने सिला दिया है
अनवर ख़लील
तिरी तलाश तिरी जुस्तुजू उतरती है
हनीफ़ राही
जब जब मैं ज़िंदगी की परेशानियों में था
सुकूत उस का है सब्र-ए-जमील की सूरत
अज़्म शाकरी
अफ़्सूँ पहली बारिश का
मसूद मिर्ज़ा नियाज़ी
कोई नहीं था हुनर-आश्ना तुम्हारे बा'द
हामिद इक़बाल सिद्दीक़ी
रौशनी बन के सितारों में रवाँ रहते हैं
अर्श सिद्दीक़ी
आख़िर हम ने तौर पुराना छोड़ दिया
अर्श सिद्दीक़ी
देने वाले तुझे देना है तो इतना दे दे
संजय मिश्रा शौक़
ये लाल डिबिया में जो पड़ी है वो मुँह दिखाई पड़ी रहेगी
आमिर अमीर
गुल-बदन गुल-एज़ार आ जाओ
अहमद अली बर्क़ी आज़मी
कितनी शिद्दत से तुझे चाहा था
महमूद शाम