Hope Poetry of Hurmatul Ikaram

Hope Poetry of Hurmatul Ikaram
नामहुरमतुल इकराम
अंग्रेज़ी नामHurmatul Ikaram
जन्म की तारीख1928
मौत की तिथि1983

यगानगी में भी दुख ग़ैरियत के सहता हूँ

वो दिल समो ले जो दामन में काएनात का कर्ब

वो दिल जो था किसी के ग़म का महरम हो गया रुस्वा

वो आलम है कि हर मौज-ए-नफ़स है रूह पर भारी

उस के सिवा क्या अपनी दौलत

रहेगा अक़्ल के सीने पे ता-अबद ये दाग़

फ़रोग़-ए-दीदा-वरी का ज़माना आया है

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