Love Poetry of Hurmatul Ikaram

Love Poetry of Hurmatul Ikaram
नामहुरमतुल इकराम
अंग्रेज़ी नामHurmatul Ikaram
जन्म की तारीख1928
मौत की तिथि1983

ज़ौक़-ए-तकल्लुम पर उर्दू ने राह अनोखी खोली है

यगानगी में भी दुख ग़ैरियत के सहता हूँ

वो दिल समो ले जो दामन में काएनात का कर्ब

वो दिल जो था किसी के ग़म का महरम हो गया रुस्वा

वो आलम है कि हर मौज-ए-नफ़स है रूह पर भारी

वक़्त गर्दिश में ब-अंदाज़-ए-दिगर है कि जो था

उस के सिवा क्या अपनी दौलत

तय किया इस तरह सफ़र तन्हा

सूरत-ए-सब्ज़ा-ए-बे-गाना चमन से गुज़रे

रह-ए-तलब में बड़ी तुर्फ़गी के साथ चले

रहेगा अक़्ल के सीने पे ता-अबद ये दाग़

ख़्वाबों के साथ ज़ेहन की अंगड़ाइयाँ भी हैं

जैसे जैसे दर्द का पिंदार बढ़ता जाए है

फ़रोग़-ए-दीदा-वरी का ज़माना आया है

दिल-ए-आज़ुर्दा को बहलाए हुए हैं हम लोग

दिल को तौफ़ीक़-ए-ज़ियाँ हो तो ग़ज़ल होती है

अपने चमन पे अब्र ये कैसा बरस गया

हुरमतुल इकराम Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by हुरमतुल इकराम. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by हुरमतुल इकराम. Share the हुरमतुल इकराम Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.