Love Poetry of Hurmatul Ikaram
नाम | हुरमतुल इकराम |
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अंग्रेज़ी नाम | Hurmatul Ikaram |
जन्म की तारीख | 1928 |
मौत की तिथि | 1983 |
कविताएं
Ghazal 18
Nazam 1
Rubaai 7
Love 17
Sad 16
Heart Broken 14
Bewafa 1
Hope 7
Friendship 4
Islamic 1
Sufi 2
Social 1
देशभक्तिपूर्ण 1
बारिश 2
ख्वाब 3
Sharab 3
ज़ौक़-ए-तकल्लुम पर उर्दू ने राह अनोखी खोली है
यगानगी में भी दुख ग़ैरियत के सहता हूँ
वो दिल समो ले जो दामन में काएनात का कर्ब
वो दिल जो था किसी के ग़म का महरम हो गया रुस्वा
वो आलम है कि हर मौज-ए-नफ़स है रूह पर भारी
वक़्त गर्दिश में ब-अंदाज़-ए-दिगर है कि जो था
उस के सिवा क्या अपनी दौलत
तय किया इस तरह सफ़र तन्हा
सूरत-ए-सब्ज़ा-ए-बे-गाना चमन से गुज़रे
रह-ए-तलब में बड़ी तुर्फ़गी के साथ चले
रहेगा अक़्ल के सीने पे ता-अबद ये दाग़
ख़्वाबों के साथ ज़ेहन की अंगड़ाइयाँ भी हैं
जैसे जैसे दर्द का पिंदार बढ़ता जाए है
फ़रोग़-ए-दीदा-वरी का ज़माना आया है
दिल-ए-आज़ुर्दा को बहलाए हुए हैं हम लोग
दिल को तौफ़ीक़-ए-ज़ियाँ हो तो ग़ज़ल होती है
अपने चमन पे अब्र ये कैसा बरस गया