Khawab Poetry of Irfan Sattar

Khawab Poetry of Irfan Sattar
नामइरफ़ान सत्तार
अंग्रेज़ी नामIrfan Sattar
जन्म की तारीख1968
जन्म स्थानCanada

कहाँ न-जाने चला गया इंतिज़ार कर के

कभी किसी से न हम ने कोई गिला रक्खा

जो बे-रुख़ी का रंग बहुत तेज़ मुझ में है

हमें नहीं आते ये कर्तब नए ज़माने वाले

इक ख़्वाब नींद का था सबब, जो नहीं रहा

ब-ज़ोम-ए-अक़्ल ये कैसा गुनाह मैं ने किया

अब तिरे लम्स को याद करने का इक सिलसिला और दीवाना-पन रह गया

अब आ भी जाओ, बहुत दिन हुए मिले हुए भी

आज बाम-ए-हर्फ़ पर इम्कान भर मैं भी तो हूँ

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