Love Poetry of Irfan Sattar

Love Poetry of Irfan Sattar
नामइरफ़ान सत्तार
अंग्रेज़ी नामIrfan Sattar
जन्म की तारीख1968
जन्म स्थानCanada

कहाँ न-जाने चला गया इंतिज़ार कर के

कभी किसी से न हम ने कोई गिला रक्खा

जो बे-रुख़ी का रंग बहुत तेज़ मुझ में है

इधर कुछ दिन से दिल की बेकली कम हो गई है

हर एक शक्ल में सूरत नई मलाल की है

हमें नहीं आते ये कर्तब नए ज़माने वाले

ग़मों में कुछ कमी या कुछ इज़ाफ़ा कर रहे हैं

एक तारीक ख़ला उस में चमकता हवा मैं

इक ख़्वाब नींद का था सबब, जो नहीं रहा

एक दुनिया की कशिश है जो इधर खींचती है

चुप है आग़ाज़ में, फिर शोर-ए-अजल पड़ता है

ब-ज़ोम-ए-अक़्ल ये कैसा गुनाह मैं ने किया

अपनी ख़बर, न उस का पता है, ये इश्क़ है

अजब है रंग-ए-चमन जा-ब-जा उदासी है

अब तिरे लम्स को याद करने का इक सिलसिला और दीवाना-पन रह गया

अब आ भी जाओ, बहुत दिन हुए मिले हुए भी

आज बाम-ए-हर्फ़ पर इम्कान भर मैं भी तो हूँ

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