Ghazals of Muhib Aarfi

Ghazals of Muhib Aarfi
नाममुहिब आरफ़ी
अंग्रेज़ी नामMuhib Aarfi
जन्म की तारीख1919
जन्म स्थानKarachi

उस को पा जाऊँ कभी ऐसा मुक़द्दर है कहाँ

उम्र भर जिस पे तकिया रहा कुछ न था दिल नहीं मानता

शोला-ए-शौक़ की आग़ोश में क्यूँकर आऊँ

साया जिस का नज़र आता है मुझे

नक़्क़ाद अपने आप का बे-लाग ऐसा कौन है

मुझ को तलब तो नई दुनिया की है

महरूमियों का इक सबब जोश-ए-तलब ख़ुद भी तो है

कुछ न होने की हक़ीक़त नहीं जानी यानी

ख़िरद यक़ीं के सुकूँ-ज़ार की तलाश में है

ख़याल-ए-ज़ेहन-शिकन से ज़बान भर आ जाए

कैसे कैसे मिले दिन को साए हमें

जो ज़ख़्मों से अपने बहलते रहेंगे

इक लहर सी देखी गई पाए न गए हम

बे-तही यही होगी ये जहाँ कहीं होंगे

अपनी आग में भुनती जाए बुनती जाए कफ़न अपना

अंदर तो ख़यालों के हो आए ख़याल अपना

अब यहाँ कोई नहीं पहले यहाँ था कोई

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