अब के मौसम में तिरा शहर वो कैसा होगा

अब के मौसम में तिरा शहर वो कैसा होगा

मेरी मर्ज़ी के बिना चाँद निकलता होगा

कैसे कह दूँ कि मुझे किस ने हैं बरबाद किया

अपना आया हो मिरी बात से रुख़्सत होगा

ये कोई बात है जो तुझ को बताई जाए

शाम के वक़्त उदासी का सबब क्या होगा

अब की सर्दी में कहाँ है वो अलाव सीना

अब की सर्दी में मुझे ख़ुद को जलाना होगा

तुझ से मिलने की कई दिन से तमन्ना है मुझे

तू कभी जिस्म से बाहर तो निकलता होगा

(508) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Naeem Sarmad. is written by Naeem Sarmad. Complete Poem in Hindi by Naeem Sarmad. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.