नासिर काज़मी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नासिर काज़मी (page 5)
नाम | नासिर काज़मी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nasir Kazmi |
जन्म की तारीख | 1923 |
मौत की तिथि | 1972 |
कुंज कुंज नग़्मा-ज़न बसंत आ गई
कुछ यादगार-ए-शहर-ए-सितमगर ही ले चलें
कुछ तो एहसास-ए-ज़ियाँ था पहले
किसी कली ने भी देखा न आँख भर के मुझे
ख़्वाब में रात हम ने क्या देखा
ख़मोशी उँगलियाँ चटख़ा रही है
कौन उस राह से गुज़रता है
कम-फ़ुर्सती-ए-ख़्वाब-ए-तरब याद रहेगी
जुर्म-ए-उम्मीद की सज़ा ही दे
जब ज़रा तेज़ हवा होती है
जब रात गए तिरी याद आई सौ तरह से जी को बहलाया
इस से पहले कि बिछड़ जाएँ हम
इन सहमे हुए शहरों की फ़ज़ा कुछ कहती है
होती है तेरे नाम से वहशत कभी कभी
हासिल-ए-इश्क़ तिरा हुस्न-ए-पशीमाँ ही सही
गिरफ़्ता-दिल हैं बहुत आज तेरे दीवाने
ग़म-फ़ुर्सती-ए-ख़्वाब-ए-तरब याद रहेगी
ग़म है या ख़ुशी है तू
गली गली मिरी याद बिछी है प्यारे रस्ता देख के चल
गली गली आबाद थी जिन से कहाँ गए वो लोग
गए दिनों का सुराग़ ले कर किधर से आया किधर गया वो
फ़िक्र-ए-तामीर-ए-आशियाँ भी है
दुख की लहर ने छेड़ा होगा
दिन का फूल अभी जागा था
दिन ढला रात फिर आ गई सो रहो सो रहो
दिल में इक लहर सी उठी है अभी
दिल में और तो क्या रक्खा है
दिल धड़कने का सबब याद आया
धूप थी और बादल छाया था
धूप निकली दिन सुहाने हो गए