नासिर काज़मी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नासिर काज़मी (page 4)
नाम | नासिर काज़मी |
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अंग्रेज़ी नाम | Nasir Kazmi |
जन्म की तारीख | 1923 |
मौत की तिथि | 1972 |
तेरी ज़ुल्फ़ों के बिखरने का सबब है कोई
तिरे मिलने को बेकल हो गए हैं
तिरे ख़याल से लो दे उठी है तन्हाई
तिरे आने का धोका सा रहा है
तन्हाई का दुख गहरा था
सुनाता है कोई भोली कहानी
शहर सुनसान है किधर जाएँ
शबनम-आलूद पलक याद आई
सर में जब इश्क़ का सौदा न रहा
सफ़र-ए-मंज़िल-ए-शब याद नहीं
रोते रोते कौन हँसा था
रह-नवर्द-ए-बयाबान-ए-ग़म सब्र कर सब्र कर
रह-ए-जुनूँ में ख़ुदा का हवाला क्या करता
क़फ़स को चमन से सिवा जानते हैं
पिछले पहर का सन्नाटा था
फिर सावन रुत की पवन चली तुम याद आए
पत्थर का वो शहर भी क्या था
पर्दे में हर आवाज़ के शामिल तो वही है
पल पल काँटा सा चुभता था
ओ मेरे मसरूफ़ ख़ुदा
निय्यत-ए-शौक़ भर न जाए कहीं
'नासिर' क्या कहता फिरता है कुछ न सुनो तो बेहतर है
नए कपड़े बदल कर जाऊँ कहाँ और बाल बनाऊँ किस के लिए
नए देस का रंग नया था
मुसलसल बेकली दिल को रही है
मुमकिन नहीं मता-ए-सुख़न मुझ से छीन ले
मुझ को और कहीं जाना था
मैं ने जब लिखना सीखा था
मैं जब तेरे घर पहुँचा था
मैं हूँ रात का एक बजा है