Coupletss of Nasir Kazmi

Coupletss of Nasir Kazmi
नामनासिर काज़मी
अंग्रेज़ी नामNasir Kazmi
जन्म की तारीख1923
मौत की तिथि1972

ज़िंदगी जिन के तसव्वुर से जिला पाती थी

ज़रा सी बात सही तेरा याद आ जाना

यूँ तो हर शख़्स अकेला है भरी दुनिया में

यूँ किस तरह कटेगा कड़ी धूप का सफ़र

ये सुब्ह की सफ़ेदियाँ ये दोपहर की ज़र्दियाँ

ये हक़ीक़त है कि अहबाब को हम

ये आप हम तो बोझ हैं ज़मीन का

याद है अब तक तुझ से बिछड़ने की वो अँधेरी शाम मुझे

याद आई वो पहली बारिश

वो शहर में था तो उस के लिए औरों से भी मिलना पड़ता था

वो रात का बे-नवा मुसाफ़िर वो तेरा शाइर वो तेरा 'नासिर'

वो कोई दोस्त था अच्छे दिनों का

वो दिल-नवाज़ है लेकिन नज़र-शनास नहीं

वक़्त अच्छा भी आएगा 'नासिर'

उस ने मंज़िल पे ला के छोड़ दिया

उन्हें सदियों न भूलेगा ज़माना

उम्र भर की नवा-गरी का सिला

तुझ बिन सारी उम्र गुज़ारी

तू ने तारों से शब की माँग भरी

तेरी मजबूरियाँ दुरुस्त मगर

तिरे फ़िराक़ की रातें कभी न भूलेंगी

तिरे आने का धोका सा रहा है

तन्हाइयाँ तुम्हारा पता पूछती रहीं

तनाब-ए-ख़ेमा-ए-गुल थाम 'नासिर'

सूरज सर पे आ पहुँचा

सो गए लोग उस हवेली के

शोर बरपा है ख़ाना-ए-दिल में

सारा दिन तपते सूरज की गर्मी में जलते रहे

रह-नवर्द-ए-बयाबान-ए-ग़म सब्र कर सब्र कर

रात कितनी गुज़र गई लेकिन

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