तिरे आने का धोका सा रहा है
दिया सा रात भर जलता रहा है
Wasi Shah
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Faiz Ahmad Faiz
Gulzar
Allama Iqbal
Mohsin Naqvi
Rahat Indori
Anwar Masood
Mir Taqi Mir
Habib Jalib
Jaun Eliya
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(476) Peoples Rate This
उन्हें सदियों न भूलेगा ज़माना
कल जो था वो आज नहीं जो आज है कल मिट जाएगा
ज़रा सी बात सही तेरा याद आ जाना
तिरे मिलने को बेकल हो गए हैं
मुझे ये डर है तिरी आरज़ू न मिट जाए
यूँ तिरे हुस्न की तस्वीर ग़ज़ल में आए
तनाब-ए-ख़ेमा-ए-गुल थाम 'नासिर'
जिन्हें हम देख कर जीते थे 'नासिर'
कुछ तो एहसास-ए-ज़ियाँ था पहले
ओ मेरे मसरूफ़ ख़ुदा
पिछले पहर का सन्नाटा था
ख़्वाब में रात हम ने क्या देखा