वो शहर में था तो उस के लिए औरों से भी मिलना पड़ता था
अब ऐसे-वैसे लोगों के मैं नाज़ उठाऊँ किस के लिए
Gulzar
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Wasi Shah
Allama Iqbal
Parveen Shakir
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न अब वो यादों का चढ़ता दरिया न फ़ुर्सतों की उदास बरखा
निय्यत-ए-शौक़ भर न जाए कहीं
ये आप हम तो बोझ हैं ज़मीन का
मैं तो बीते दिनों की खोज में हूँ
दिल में और तो क्या रक्खा है
दुख की लहर ने छेड़ा होगा
दिन गुज़ारा था बड़ी मुश्किल से
यूँ किस तरह कटेगा कड़ी धूप का सफ़र
कौन उस राह से गुज़रता है
नए देस का रंग नया था
इस क़दर रोया हूँ तेरी याद में
कभी ज़ुल्फ़ों की घटा ने घेरा