इक बे-वफ़ा से अहद-ए-वफ़ा कर के आए हैं
इक बेवफ़ा से अहद-ए-वफ़ा कर के आए हैं
अब आ के सोचते हैं ये क्या कर के आए हैं
'नासिर' जो दिल में था वो ज़बाँ पर न आ सका
उस से भी ज़िक्र-ए-आब-ओ-हवा कर के आए हैं
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इक बेवफ़ा से अहद-ए-वफ़ा कर के आए हैं
अब आ के सोचते हैं ये क्या कर के आए हैं
'नासिर' जो दिल में था वो ज़बाँ पर न आ सका
उस से भी ज़िक्र-ए-आब-ओ-हवा कर के आए हैं
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