Ghazals of Qaisar Nizami
नाम | क़ैसर निज़ामी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Qaisar Nizami |
तुझे भी चैन न आए क़रार को तरसे
तिरी नज़र के इशारों को नींद आई है
तिरी नज़र के इशारों को दिल-कशी बख़्शी
निज़ाम-ए-गुलशन-ए-हस्ती बदल के दम लेंगे
नज़र-नवाज़ नज़ारों से बात करता हूँ
मुन्हरिफ़ मुझ से इक ज़माना है
मोहब्बत की सहबा पिलाने चला हूँ
मोहब्बत बाइस-ए-दीवानगी है और बस मैं हूँ
कह रही है सारी दुनिया तेरा दीवाना मुझे
आतिश-ए-सोज़-ए-मोहब्बत को बुझा सकता हूँ मैं
आलम-ए-इम्काँ में दुनिया की हवा थी मैं न था