मोहब्बत की सुल्तानी है सब जगत में
कि इस सम नहीं कोई ज्ञानी-ओ-दानी
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Jaun Eliya
Javed Akhtar
Rahat Indori
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Wasi Shah
Allama Iqbal
Gulzar
Mir Taqi Mir
Habib Jalib
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तिरे क़द थे सर्व ताज़ा है जम
अज़ल थे है मुजे ख़ूबाँ सूँ इख़्लास
पिया की याद सूँ पीता हूँ मैं मय
तिरे दरसन की मैं हूँ साईं माती
तुमन रौशनी बिन हमन रौशनी नाह
मैं न जानूँ काबा-ओ-बुत-ख़ाना-ओ-मय-ख़ाना कूँ
हमारा सजन ख़ुश-नज़र बाज़ है
करें ताक़त गँवा कर आबिदाँ मय-ख़ाना कूँ सज्दा
प्यारी प्यारी सूँ प्यार किए
सकी मुख सफ़्हे पर तेरे लिख्या राक़िम मलक मिसरा
प्यारी के नैनाँ हैं जैसे कटारे