'शाहिद'-साहिब कहलाते हैं मिस्टर भी मौलाना भी
हज़रत दो किरदारों वाले हेरा-फेरी करते हैं
Javed Akhtar
Habib Jalib
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Gulzar
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Anwar Masood
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
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शादी के जो अफ़्साने हैं रंगीन बहुत हैं
वही मक़्बूल लीडर और डिप्लोमैट होता है
जश्न-ए-आज़ादी
लबों में आ के क़ुल्फ़ी हो गए अशआर सर्दी में
बजट की कई सख़्तियाँ और भी हैं
क्रिकेटर से मुकालिमा
डॉज-महल
ऐसे लगे है नौकरी माल-ए-हराम के बग़ैर
इस्लामाबाद
कुछ लोग रब्त-ए-ख़ास से आगे निकल गए
क़ाबिज़ रहा है दिल पे जो सुल्तान की तरह