कुछ भी हो तक़दीर का लिक्खा बदल

कुछ भी हो तक़दीर का लिक्खा बदल

चाहिए तुझ को कि अब रस्ता बदल

बा'द में मुझ को दिखाना आइना

पहले अपना जा के तू चेहरा बदल

आगही का जिस में इक रौज़न न हो

उस मकान-ए-ज़ात का नक़्शा बदल

मेरी वहशत है सिवा इस से कहीं

बारहा उस से कहा सहरा बदल

नेअ'मतें दुनिया की सब मिल जाती हैं

माँ नहीं मिलता मगर तेरा बदल

फिर रहा है क्यूँ तही-कासा लिए

बार जो शानों पे है रक्खा बदल

टूटी-फूटी बान का क्या आसरा

आसमाँ सर पर उठा खटिया बदल

रस्म-ए-दुनिया यूँ बदल सकती नहीं

कब 'सहर' तुझ से कहा तन्हा बदल

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In Hindi By Famous Poet Shaista Sahar. is written by Shaista Sahar. Complete Poem in Hindi by Shaista Sahar. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.