ये किस का जल्वा-ए-हैरत-फ़ज़ा निगाह में है

ये किस का जल्वा-ए-हैरत-फ़ज़ा निगाह में है

कि पा-ए-शौक़ गुज़रगाह-ए-मेहर-ओ-माह में है

हज़ार मंज़िल-ए-राह-ए-जुनूँ तमाम हुई

हज़ार मंज़िल-ए-अहल-ए-जुनूँ निगाह में है

बुलंदियों से गुज़र कर ख़िरद का हाल न पूछ

बस इक ग़ुबार-ए-तहय्युर लिए निगाह में है

अज़ीज़-तर तिरी बातें कि इस सुकूत के साथ

तमाम शोख़ी-ए-लफ़्ज़-ओ-बयाँ निगाह में है

फ़रोग़-ए-जल्वा-ए-उम्मीद तेरी उम्र दराज़

सियाह रात है सर पर सहर निगाह में है

किस एहतिमाम से है आमद-ए-उरूस-ए-सहर

कि आहटों का तरन्नुम तमाम राह में है

कहाँ है ताब-ए-नज़र अहल-ए-दिल की महफ़िल में

किसे मजाल-ए-सुख़न उन की बारगाह में है

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In Hindi By Famous Poet Shakur Javed. is written by Shakur Javed. Complete Poem in Hindi by Shakur Javed. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.