कौन था वो जिस ने ये हाल किया है मेरा
किस को इतनी आसानी से हासिल था मैं
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वो बात सोच के मैं जिस को मुद्दतों जीता
मोहब्बत की इंतिहा पर
कम से कम दुनिया से इतना मिरा रिश्ता हो जाए
कुत्ते की मौत
सब आसान हुआ जाता है
वो दिन भी थे कि इन आँखों में इतनी हैरत थी
जीत गया जीत गया
नया यूँ है कि अन-देखा है सब कुछ
रात बे-पर्दा सी लगती है मुझे
बीच भँवर से लौट आऊँगा
जैसे ये मेज़ मिट्टी का हाथी ये फूल
ख़्वाब वैसे तो इक इनायत है