शीन काफ़ निज़ाम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शीन काफ़ निज़ाम (page 2)

शीन काफ़ निज़ाम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शीन काफ़ निज़ाम (page 2)
नामशीन काफ़ निज़ाम
अंग्रेज़ी नामSheen Kaaf Nizam
जन्म की तारीख1947
जन्म स्थानJodhpur

वही न मिलने का ग़म और वही गिला होगा

रीत पर जितने भी नविश्ते हैं

पुरखों से जो मिली है वो दौलत भी ले न जाए

पत्तियाँ हो गईं हरी देखो

पाँव में दूर का सफ़र चमके

मेरे अल्फ़ाज़ में असर रख दे

मौज-ए-हवा तो अब के अजब काम कर गई

मौज-ए-हवा से फूलों के चेहरे उतर गए

मंज़िलों का निशान कब देगा

मंज़र को किसी तरह बदलने की दुआ दे

क्या ख़बर थी आतिशीं आब-ओ-हवा हो जाऊँगा

किसी के साथ अब साया नहीं है

कई शक्लों में ख़ुद को सोचता है

कभी जंगल कभी सहरा कभी दरिया लिख्खा

इक साएँ साएँ घेरे है गिरते मकान को

दरवाज़ा कोई घर से निकलने के लिए दे

छीन कर वो लज़्ज़त-ए-सौत-ओ-सदा ले जाएगा

बूँद बन बन के बिखरता जाए

अक्स ने आईने का घर छोड़ा

आरज़ू थी एक दिन तुझ से मिलूँ

आँखों में रात ख़्वाब का ख़ंजर उतर गया

आज हर सम्त भागते हैं लोग

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