Ghazals of Siraj Ajmali

Ghazals of Siraj Ajmali
नामसिराज अजमली
अंग्रेज़ी नामSiraj Ajmali
जन्म स्थानAligarh

ये तग़य्युर रू-नुमा हो जाएगा सोचा न था

वीराँ बहुत है ख़्वाब-महल जागते रहो

समुंदरों में सराब और ख़ुश्कियों में गिर्दाब देखता है

फिर सूरज ने शहर पे अपने क़हर का यूँ आग़ाज़ किया

मरहले सख़्त बहुत पेश-ए-नज़र भी आए

क्या सोचते रहते हो तस्वीर बना कर के

क्या दास्ताँ थी पहले बयाँ ही नहीं हुई

झुका के सर को चलना जिस जगह का क़ाएदा था

ब-ज़ाहिर जो नज़र आते हो तुम मसरूर ऐसा कैसे करते हो

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