देखा है कहीं रंग-ए-सहर वक़्त से पहले

देखा है कहीं रंग-ए-सहर वक़्त से पहले

शबनम न उगा दीदा-ए-तर वक़्त से पहले

ऐ ताएर-ए-शब रू-कश-ए-गुल-बांग-ए-सहर हो

ख़ुशबू नहीं देता गुल-ए-तर वक़्त से पहले

वो हुस्न-ए-सरापा अभी बे-पर्दा कहाँ है

क्यूँ उठ्ठे मोहब्बत की नज़र वक़्त से पहले

मौजों के झकोले हों कि तूफ़ाँ के थपेड़े

क़तरा कहीं बनता है गुहर वक़्त से पहले

ऐ ख़ाना-बर-अंदाज़-ए-चमन थोड़ा तअम्मुल

मिलती नहीं शाख़-ए-गुल-ए-तर वक़्त से पहले

तकमील-ए-मोहब्बत के लिए चाहिए इक उम्र

होता नहीं मैदान ये सर वक़्त से पहले

बीनाई-ए-नाक़िस का करिश्मा है ये 'तुरफ़ा'

ऐबों में नज़र आया हुनर वक़्त से पहले

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In Hindi By Famous Poet Turfa Qureshi. is written by Turfa Qureshi. Complete Poem in Hindi by Turfa Qureshi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.