Sad Poetry of Abdul Malik Soz

Sad Poetry of Abdul Malik Soz
नामअब्दुल मलिक सोज़
अंग्रेज़ी नामAbdul Malik Soz

वक़्त अब सर पे वो आया है कि सर याद नहीं

तू जो आबाद है ऐ दोस्त मिरे दिल के क़रीब

मुन्कशिफ़ तल्ख़ी-ए-हालात न होने पाई

मुझ से मेरी हयात रूठ गई

कुछ हसीं यादें भी हैं दीदा-ए-नम के साथ साथ

हर मसर्रत से किनारा कर लिया

हर मसर्रत से किनारा कर लिया

दिल ग़म-ए-इश्क़ के इज़हार से कतराता है

दिल अपना याद-ए-यार से बेगाना तो नहीं

आज क्यूँ चुप हैं तेरे सौदाई

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