Sad Poetry of Abdullah Javed

Sad Poetry of Abdullah Javed
नामअब्दुल्लाह जावेद
अंग्रेज़ी नामAbdullah Javed

इस ही बुनियाद पर क्यूँ न मिल जाएँ हम

याद यूँ होश गँवा बैठी है

रूह को क़ालिब के अंदर जानना मुश्किल हुआ

नंगे पाँव की आहट थी या नर्म हवा का झोंका था

लगे है आसमाँ जैसा नहीं है

कोई रिश्ता न हो फिर भी रिश्ते बहुत

जो गुज़रता है गुज़र जाए जी

चाँदनी रात में हर दर्द सँवर जाता है

चाँदनी का रक़्स दरिया पर नहीं देखा गया

चमका जो चाँद रात का चेहरा निखर गया

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