Sad Poetry of Abu Mohammad Wasil
नाम | अबु मोहम्मद वासिल |
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अंग्रेज़ी नाम | Abu Mohammad Wasil |
कविताएं
Ghazal 10
Love 10
Sad 8
Heart Broken 8
Bewafa 1
Hope 5
Friendship 5
Islamic 4
Sufi 3
ख्वाब 5
Sharab 1
ये बंदगी का सदा अब समाँ रहे न रहे
तसव्वुरात में इन को बुला के देख लिया
रह-ए-वफ़ा में उन्हीं की ख़ुशी की बात करो
मसरूर हो रहे हैं ग़म-ए-आशिक़ी से हम
जबीन-ए-शौक़ पर कोई हुआ है मेहरबाँ शायद
हसरत-ए-दीद रही दीद का ख़्वाहाँ हो कर
अगर मेरी जबीन-ए-शौक़ वक़्फ़-ए-बंदगी होती
आगे वो जा भी चुके लुत्फ़-ए-नज़ारा भी गया