रईस सिद्दीक़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रईस सिद्दीक़ी

रईस सिद्दीक़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का रईस सिद्दीक़ी
नामरईस सिद्दीक़ी
अंग्रेज़ी नामRais Siddiqui
जन्म की तारीख1963
जन्म स्थानDelhi

तिरे सुलूक का ग़म सुब्ह-ओ-शाम क्या करते

न नींद आँखों में बाक़ी न इंतिज़ार रहा

बस इक ख़ता की मुसलसल सज़ा अभी तक है

ये ज़र्द चेहरा ये दर्द-ए-पैहम कोई सुनेगा तो क्या कहेगा

तिरे सुलूक का ग़म सुब्ह-ओ-शाम क्या करते

शामिल तू मिरे जिस्म मैं साँसों की तरह है

सभी अंधेरे समेटे हुए पड़े रहना

किसी का जिस्म हुआ जान-ओ-दिल किसी के हुए

खोने की बात और न पाने की बात है

जिगर से जान से प्यारे कहाँ है कुछ तो बता

हर इक मंज़र बदलता जा रहा है

हँसी हँसी में हर इक ग़म छुपाने आते हैं

दुनिया में जो समझते थे बार-ए-गिराँ मुझे

दिल के ज़ख़्मों को हरा करते हैं

बस इक ख़ता की मुसलसल सज़ा अभी तक है

और कुछ तेज़ चलीं अब के हवाएँ शायद

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