Love Poetry of Ahmad Mushtaq (page 3)
नाम | अहमद मुश्ताक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Mushtaq |
जन्म की तारीख | 1933 |
जन्म स्थान | Lahore |
कविताएं
Ghazal 80
Couplets 67
Love 76
Sad 72
Heart Broken 83
Bewafa 5
Hope 36
Friendship 8
Islamic 2
Social 1
बारिश 8
ख्वाब 24
Sharab 1
दुनिया में सुराग़-ए-रह-ए-दुनिया नहीं मिलता
दुख की चीख़ें प्यार की सरगोशियाँ रह जाएँगी
दिल में वो शोर न आँखों में वो नम रहता है
दस्त-ए-सुमूम दस्त-ए-सबा क्यूँ नहीं हुआ
छिन गई तेरी तमन्ना भी तमन्नाई से
चाँद इस घर के दरीचों के बराबर आया
चाँद भी निकला सितारे भी बराबर निकले
चमक-दमक पे न जाओ खरी नहीं कोई शय
भूले-बिसरे मौसमों के दरमियाँ रहता हूँ मैं
बरस कर खुल गया अब्र-ए-ख़िज़ाँ आहिस्ता आहिस्ता
बहुत रुक रुक के चलती है हवा ख़ाली मकानों में
बहता आँसू एक झलक में कितने रूप दिखाएगा
अश्क दामन में भरे ख़्वाब कमर पर रक्खा
अब वो गलियाँ वो मकाँ याद नहीं
अब न बहल सकेगा दिल अब न दिए जलाइए
अब न बहल सकेगा दिल अब न दिए जलाइए