Ghazals of Ahmad Shahryar

Ghazals of Ahmad Shahryar
नामअहमद शहरयार
अंग्रेज़ी नामAhmad Shahryar
जन्म की तारीख1983
जन्म स्थानIran

यादों की तज्सीम पे मेहनत होती है

वो मर गया सदा-ए-नौहा-गर में कितनी देर है

राज़-ए-दरून-ए-आस्तीं कश्मकश-ए-बयाँ में था

फैल रहा है ये जो ख़ाली होने का डर मुझ में

नए ज़मानों की चाप तो सर पे आ खड़ी थी

कुन-फ़यकूं का हासिल यानी मिट्टी आग हवा और पानी

ख़ुश नहीं आए बयाबाँ मिरी वीरानी को

इनइकास-ए-तिश्नगी सहरा भी है दरिया भी है

गुमान के लिए नहीं यक़ीन के लिए नहीं

ग़ुबार-ए-वक़्त के गर आर-पार देखिएगा

दुनिया से हर रिश्ता तोड़ा ख़ुद से रु-गर्दानी की

दिया नसीब में नहीं सितारा बख़्त में नहीं

अश्क भेजें मौज उभारें अब्र जारी कीजिए

आईना बन के अपना तमाशा दिखाएँ हम

अहमद शहरयार Ghazal in Hindi - Read famous अहमद शहरयार Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet अहमद शहरयार. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet अहमद शहरयार. अहमद शहरयार Ghazals and Inspirational Nazams for Students.